मैं उन्हें , उनके ब्लॉग के बजाये उनके कमेंट्स से चीन्हता रहा ! बीच में पता चला कि वे बीमारी से जूझ रहे हैं पर कमेंट्स पर इसका कोई असर ना दिखाई देता, वे एक जिंदादिल इंसान थे और इस तरह से हमारी स्मृतियों में हमेशा मौजूद रहेंगे !
ओबिच्युरी ब्लॉग की कमी थी आपने पूरी कर दी ....नेक कार्य!इसे किसी के साथ साझा कर लें! कारण? कह नहीं पाऊंगा क्योकि, सत्यम ब्रूयात प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात सत्यमप्रियम! सभी दिवंगतों को मेरा नमन !
आज आपकी सूचना से ही ये पता चल पाया , वर्ना पिछले दिनों शायद किन्हीं मित्र से ऐसी ही किसी आशंका की चर्चा होती भी रही थी । चंद्र जी की टिप्पणियां और उनकी विशिष्ट शैली आज भी ज़ेहन में जीवंत हैं । उनको श्रद्धांजलि व नमन ।
आपकी इस शुरूआत के लिए आपका बहुत बहुत आभार रचना जी ।
जितना मैंने उनके बारे में जाना, वे एक बहुत अच्छे दिल के स्वामी थे, उन जैसों कि समाज मे बहुत आवश्यकता है !
ReplyDeleteवे याद आते रहेंगे ...
ऐसे ब्लोगर हमेशा याद किये जाते हें.
ReplyDeleteमैं उन्हें , उनके ब्लॉग के बजाये उनके कमेंट्स से चीन्हता रहा ! बीच में पता चला कि वे बीमारी से जूझ रहे हैं पर कमेंट्स पर इसका कोई असर ना दिखाई देता, वे एक जिंदादिल इंसान थे और इस तरह से हमारी स्मृतियों में हमेशा मौजूद रहेंगे !
ReplyDeleteअनेक कदमों की भीड़ में एक नेक कदम
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि, ये सभी आत्माएं अतिशीघ्र शाश्वत सुखों को प्राप्त करे!!
ReplyDeleteओबिच्युरी ब्लॉग की कमी थी आपने पूरी कर दी ....नेक कार्य!इसे किसी के साथ साझा कर लें!
ReplyDeleteकारण? कह नहीं पाऊंगा क्योकि, सत्यम ब्रूयात प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात सत्यमप्रियम!
सभी दिवंगतों को मेरा नमन !
विनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteचंद्र मौलेश्वर प्रसाद जी को विनम्र श्रद्धांजलि,,, ईश्वर उनकी आत्मा को शांती पदान करे,,,,
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजली ।
ReplyDeleteआज आपकी सूचना से ही ये पता चल पाया , वर्ना पिछले दिनों शायद किन्हीं मित्र से ऐसी ही किसी आशंका की चर्चा होती भी रही थी । चंद्र जी की टिप्पणियां और उनकी विशिष्ट शैली आज भी ज़ेहन में जीवंत हैं । उनको श्रद्धांजलि व नमन ।
ReplyDeleteआपकी इस शुरूआत के लिए आपका बहुत बहुत आभार रचना जी ।
विनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteसार्थक प्रयास .... विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteआप 18 अप्रैल 2009 को पहली बार
ReplyDeleteकविताकोश से जुडे
और 21 जुलाई 2011 तक 600 से भी
अधिक रचनाओं को इस कोश में जोडा
ईश्वर ने आपके लिये स्वर्ग में स्थान
सुनिश्चित किया हो इसी कामना के साथ
अंतरजाल साहित्य योगदानकर्ता मंच की ओर से
अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि ।
विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteऐसे जिंदादिल इन्सान कहीं नहीं जाते...वो हमेशा हमारे दिलों में रहते हैं..
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धान्जलि..!
विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
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