"मित्रों, एकाएक मेरा विलगाव आपलोगों को नागवार लग रहा है, किन्तु शायद आपको यह पता नहीं है की मैं पिछले कई महीनो से जीवन के लिए मृत्यु से जूझ रही हूँ । अचानक जीभ में गंभीर संक्रमण हो जाने के कारन यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जीवन का चिराग जलता रहा तो फिर खिलने - मिलने का क्रम जारी रहेगा। बहरहाल, सबकी खुशियों के लिए प्रार्थना।" http://guptasandhya.blogspot.in/2011/08/blog-post.html
तुम्हीं सो गये दास्तां कहते कहते....
ReplyDeleteब्लागर डा0 सन्ध्या गुप्ता जी के निधन पर विनम्र श्रद्वांजलि ...
नमन और श्रद्धांजलि
ReplyDeleteयह ब्लॉग एक उत्तम प्रयास है।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteयह क्या हुआ ...??
ReplyDelete:(
"मित्रों, एकाएक मेरा विलगाव आपलोगों को नागवार लग रहा है, किन्तु शायद आपको यह पता नहीं है की मैं पिछले कई महीनो से जीवन के लिए मृत्यु से जूझ रही हूँ । अचानक जीभ में गंभीर संक्रमण हो जाने के कारन यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जीवन का चिराग जलता रहा तो फिर खिलने - मिलने का क्रम जारी रहेगा। बहरहाल, सबकी खुशियों के लिए प्रार्थना।"
ReplyDeletehttp://guptasandhya.blogspot.in/2011/08/blog-post.html
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है...!
ReplyDeleteमेरे श्रद्धा सुमन अर्पित हैं..
विनम्र श्रद्धांजलि...
ReplyDeleteओह!! दुखद!
ReplyDeleteनमन और श्रद्धांजलि
एक बहुत अच्छा प्रयास उन्हें याद करने का और उअन्के योगदान को।
ReplyDeleteबड़ा दुखद है लेकिन इस सत्य के आगे विवश और कुछ नही.....
विनम्र श्रृद्धाँजलि!!!
दिवंगत साथियों को स्मरण रखने का सुंदर प्रयास!
ReplyDeleteभाव-भीनी श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteअच्छे लोगों की यादें हमेशा ज़िंदा रहती हैं. अत: हमें अच्छे कर्म करने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए.
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