नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः । न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।२३।।
ईश्वर से उनके लिए अशेष दुआयें !( संयोग ये कि उनके हाथों में मौजूद किताब हमारे अंचल की पड़ताल करती है )
इनके संबंध में विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए, ऐसा मेरा मानना है।
avinaash ji ki baat se sahamat hoon is vishay main vaki vistaar se jaankaari di jaani chaahiye...
विनम्र श्रद्धांजलि
विनम्र श्रद्धांजलि...
ईश्वर से उनके लिए अशेष दुआयें !
ReplyDelete( संयोग ये कि उनके हाथों में मौजूद किताब हमारे अंचल की पड़ताल करती है )
इनके संबंध में विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए, ऐसा मेरा मानना है।
ReplyDeleteavinaash ji ki baat se sahamat hoon is vishay main vaki vistaar se jaankaari di jaani chaahiye...
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
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