नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः । न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।२३।।
vishawas karne yogy nahi ye baat!!
वो ईश्वर को ज्यादा प्रिय था सो उसका हुआ ! अशेष स्नेह !
नियति की गति कोई नहीं जान पाया है।
jab-jab jo jo hona hai tab tab so-so hota hai magar yh kab aur kaise hua ....?
नन्हा फरिश्ता...विनम्र श्रद्धांजलि
क्या कहूँ ? :(
ओह ! क्या कह सकते हैं , नियति के आगे | सितारा बन चमकता रहे आकाश में |
ओह मैं तो अभी देख पाया
vishawas karne yogy nahi ye baat!!
ReplyDeleteवो ईश्वर को ज्यादा प्रिय था सो उसका हुआ ! अशेष स्नेह !
ReplyDeleteनियति की गति कोई नहीं जान पाया है।
ReplyDeletejab-jab jo jo hona hai tab tab so-so hota hai magar yh kab aur kaise hua ....?
ReplyDeleteनन्हा फरिश्ता...
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
क्या कहूँ ?
ReplyDelete:(
ओह ! क्या कह सकते हैं , नियति के आगे | सितारा बन चमकता रहे आकाश में |
ReplyDeleteओह मैं तो अभी देख पाया
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